भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 91
(शिशु का जीवित पैदा होना रोकने या जन्म के पश्चात् उसकी मृत्यु कारित करने के आशय से किया गया कार्य)
जो कोई, किसी शिशु के जन्म से पूर्व कोई कार्य इस आशय से करता है कि उस शिशु का जीवित पैदा होना उसके द्वारा रोका जाए या जन्म के पश्चात् उसके द्वारा उसकी मृत्यु कारित हो जाए, और ऐसे कार्य से उस शिशु का जीवित पैदा होना रोकता है, या उसके जन्म के पश्चात् उसकी मृत्यु कारित कर देता है, यदि वह कार्य माता के जीवन को बचाने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक नहीं किया गया है, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 10 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों से
संज्ञान:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
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(IPC) की धारा 315 को (BNS) की धारा 91 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |